December 24, 2025

घराट

खबर पहाड़ से-

विश्व धरोहर फूलो की घाटी पर्यटको के लिये खुली, घाटी में अभी 12 से अधिक प्रजाति के फूल खिले है।

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विनय उनियाल

चमोली : जिले में समुद्रतल से 12995 फीट की ऊंचाई पर स्थित विश्व धरोहर फूलों की घाटी पर्यटकों के लिए खोल दी गई है। फूलों की घाटी हर वर्ष एक जून को खुलती है। तथा 31 अक्टूबर को बंद की जाती है।
बुधवार नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के प्रभागीय वनाधिकारी नंदाबल्लभ जोशी ने पर्यटकों को घांघरिया से घाटी के लिए रवाना किया। पहले दिन 75 पर्यटकों को घाटी के लिए रवाना किया गया। घाटी में इस समय 12 से अधिक प्रजाति के फूल खिले हुए हैं।
पार्क के उप प्रभागीय वनाधिकारी नंदबल्लभ शर्मा ने बताया कि 87.5 वर्ग किमी में फैली घाटी में पर्यटक रंग-बिरंगे फूलों के अलावा दुर्लभ प्रजाति के पशु-पक्षी, जड़ी-बूटी व वनस्पति, कल-कल बहती पुष्पावती नदी, झर-झर झरते झरने, टिपरा ग्लेशियर और बर्फाच्छादित चोटियों का दीदार कर सकते हैं। यहां पर प्राकृतिक रूप से 500 से अधिक प्रजाति के फूल खिलते हैं। फूलों की घाटी जैव विविधिता का खजाना है। वर्ष 1982 में इस घाटी को राष्ट्रीय उद्यान घोषित करने के बाद यूनेस्‍को ने 2005 में इसे विश्व प्राकृतिक धरोहर का दर्जा दिया।

फूलों की घाटी जून से अक्टूबर तक पर्यटकों के लिए खुली रहती है
फूलों की घाटी जून से अक्टूबर तक पर्यटकों के लिए खुली रहती है। पूरी घाटी दुर्लभ और विदेशी हिमालयी वनस्पतियों से समृद्ध है। यहां फूलों की 300 से अधिक प्रजातियां पाईं जाती हैं, जिनमें एनीमोन, जेरेनियम, प्राइमुलस, ब्लू पोस्पी और ब्लूबेल शामिल हैं। लेकिन यहां देखने के लिए सबसे खूबसूरत फूल ब्रह्म कमल है। जिसे उत्तराखंड का राज्य फूल भी कहा जाता है। फूलों की घाटी यह एक उत्साही ब्रिटिश पर्वतारोही और एक वनस्पतिशास्त्री, फ्रैंक एस स्मिथ द्वारा एक आकस्मिक खोज थी। जब वह 1931 में इस क्षेत्र से गुजर रहे थे।
फूलो की घाटी को वर्ष 2005 में यूनेस्को का विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था।

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