October 13, 2025

घराट

खबर पहाड़ से-

“उत्तराखंड ने खोए अपने पांच वीर सपूत, जौलीग्रांट लाए जा रहे पार्थिव शरीर, हर आंख नम”

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जम्मू-कश्मीर के कठुआ में हुए आतंकी हमले में उत्तराखंड के पांच जवान शहीद हो गए। उनके पार्थिव शरीर जौलीग्रांट एयरपोर्ट लाए जा रहे हैं। राज्य सरकार की ओर से मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल एयरपोर्ट पहुँच रहे हैं। इस खबर के बाद पूरे प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई है और हर किसी की आंखें नम हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आतंकी हमले में पांच जवानों के शहीद होने से यह हमारे सभी प्रदेशवासियों के लिए अत्यंत दुखद क्षण है, क्योंकि हमने अपने भाई और बेटे खो दिए हैं। हमारे वीर जवानों ने उत्तराखंड की समृद्ध सैन्य परंपरा का पालन करते हुए देश की सेवा में अपना सब कुछ समर्पित कर दिया।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने जम्मू-कश्मीर के कठुआ में सेना के काफिले पर हुए आतंकी हमले में उत्तराखंड के पांच जवानों की शहादत पर गहरा दुख और संवेदना व्यक्त की है।

कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने इस हमले को कायराना करार देते हुए कहा कि वे शहीदों को शत-शत नमन करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि शहीदों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी और इसका बदला लिया जाएगा।

देवप्रयाग विधायक आदर्श नेगी शहीद जवान के घर पहुंचे और परिजनों को सांत्वना दी। उन्होंने मुख्यमंत्री और सांसद बलूनी से परिजनों की बात कराई। उन्होंने कहा कि इस कठिन समय में पूरा प्रदेश और देश आपके साथ खड़ा है।

पूरी डागर पट्टी में शोक का माहौल है और लोग शहीद के घर पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं।

शहीद राइफलमैन अनुज नेगी का परिवार रखती खाल विकासखंड के डाबरिया गांव में निवास करता है। अनुज के दो भाई-बहन हैं। उनके पिता, भारत सिंह, वन विभाग में दैनिक श्रमिक के रूप में काम करते हैं, जबकि उनकी मां, सुमित्रा देवी, गृहिणी हैं। ग्राम प्रधान नंदन सिंह ने बताया कि अनुज की शादी पिछले साल नवंबर में हुई थी।

नई टिहरी के जाखणीधार ब्लॉक के चौंड-जसपुर निवासी विनोद सिंह (33) ने भी कठुआ में हुए आतंकी हमले में अपने प्राणों की आहुति दी। ग्राम प्रधान कीर्ति सिंह कुमाई ने बताया कि विनोद सिंह, वीर सिंह भंडारी और शशि देवी के पुत्र थे, और 10वीं गढ़वाल राइफल में तैनात थे। वर्तमान में उनका परिवार भानियावाला, देहरादून में रहता है। विनोद 2011 में सेना में भर्ती हुए थे और वे अपने परिवार के इकलौते बेटे थे। उनका एक चार साल का बेटा और चार महीने की बेटी है। डेढ़ महीने पहले ही वे अपने घर भानियावाला आए थे। गांव में यह सूचना मिलते ही शोक की लहर दौड़ गई। विनोद सिंह के पिता वीर सिंह भंडारी पूर्व सैनिक हैं और वे तीन बहनों के इकलौते भाई थे।

रुद्रप्रयाग जखोली ब्लाक के कांडा-भरदार निवासी नायब सूबेदार आनन्द सिंह रावत ने देश के लिए अपना बलिदान दे दिया। 41 वर्षीय सेना के जवान का परिवार देहरादून में रहता है। सेना द्वारा शहीद के गांव और परिवार को सूचना दे दी गई है।

पौड़ी जिले के रिखणीखाल विकासखंड के पापड़ी गांव पोस्ट धामधार के निवासी कमल सिंह तीन बहनों के इकलौते भाई थे। उनके पिता का काफी साल पहले निधन हो गया था। गांव के घर में मां सुमति देवी, पत्नी रजनी देवी अपनी तीन व पांच साल की बेटियों के साथ रहती हैं। इसी साल कमल सिंह ने बच्चों को पढ़ाने के लिए कोटद्वार में किराए पर मकान लिया था। जम्मू कश्मीर के कठुआ में आतंकी हमले की सूचना मिलते ही उनका परिवार मंगलवार तड़के गांव के लिए रवाना हो गया।

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