जिला अस्पताल में गर्भवती महिला की हुई मौत, परिजनो ने डाक्टरों पर लगाया लापरवाही का आरोप।
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अरविन्द थपलियाल
उत्तरकाशी : उत्तराखंड में चाहे सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं के कितने भी दावे करें लेकिन जमीनी स्तर पर यह दावे झूठे सावित हो रहे हैं, ज़िला महिला अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही ने एक गर्भवति महिला की जान ली है। अस्पताल में प्रसव पीड़िता महिला ने ऑपरेशन के दौरान दम तोड़ा है। हालांकि महिला के पेट से जन्मी बच्ची स्वस्थ बताई जा रही है। महिला अस्पताल में प्रसव के दौरान 13 दिनों के भीतर यह दूसरी गर्भवती महिला की मौत है। ऐसे में जिला महिला अस्पताल बदहाल स्वास्थ्य सेवाएं भगवान भरोसे चल रही है।
प्रसव पीड़ित महिला की मौत के बाद परिजनो ने जिला अस्पताल में हंगामा कर प्रमुख अधीक्षक का घेराव किया।
जिला महिला अस्पताल में भण्डारस्यूं पट्टी के छमरोली गाँव की आशा देवी पत्नी प्रवीन नौटियाल को प्रसव के लिए भर्ती कराया था। सामान्य प्रसव न होने पर चिकित्सको ने आशा देवी का ऑपरेशन से सुरीक्षित प्रसव करने की बात कही। जिसके लिए आशा देवी का पति प्रवीन भी तैयार हुआ। लेकिन गत रविवार रात्रि को ऑपरेशन के दौरान आशा देवी की मौत हो गई, जबकि आशा देवी के पेट से जन्मी बच्ची स्वस्थ है।
डॉक्टरों ने आशा देवी की मौत का कारण बच्चेधानी के न सिकुड़ने व अधिक रक्त की कमी होने के कारण बताई है।
प्रमुख अधीक्षक डॉ.एसडी सकलानी ने बताया कि महिला की मौत की वजह बच्चेदानी के न सिकुड़ने से हुई है। उन्होंने बताया कि महिला में खून की कमी थी। जिसके लिये करीब 5 बोतल से अधिक खून की भी व्यवस्था की गई थी।
मामले पर स्वास्थ्य महकामा चाहे अपना कितना बडा़ बचाव करें लेकिन लापरवाही का यह पहाला मामला नहीं है, इससे पहले भी जिला अस्पताल ऐसे मामलों में कसूरवार सावित हो चुका है।
