June 17, 2025

घराट

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मसूरी – हिमवंत कवि चंद्रकुंवर बर्त्वाल की पुण्य तिथि पर उन्हें याद किया।

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मसूरी : हिंदी दिवस पर उत्तराखंड के महान हिमवंत कवि चंद्र कुंवर बर्त्वाल की 75वीं पुण्य तिथि पर उनकी मालरोड पर लगी प्रतिमा में पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई। वहीं दोपहर बाद लाइब्रेरी स्थित एक होटल में चंद्र कुंवर बर्त्वाल के काव्य संसार पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया।


चंद्रकुंवर बर्त्वाल शोध संस्थान एवं द मसूरी हिल्स के तत्वाधान में आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम में पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता, पूर्व पालिकाध्यक्ष ओपी उनियाल, शूरवीर भंडारी, उपेंद्र लेखवार, भगवती प्रसाद कुकरेती, राम प्रसाद कवि, भगवान सिंह धनाई, विजय बिंदवाल, पालिका सभासद पंकज खत्री, हेमंत ग्रोवर, राजीव अग्रवाल, रमेश कुमार, कमल कैंतुरा, गणेश कोठारी, पुष्पा पडियार, विजय रमोला, विरेंद्र कैंतुरा, कविता भंडारी, प्रमिला नेगी, राजरी रावत, राजेश्वरी नेगी, देवी गोदियाल, नरेंद्र पडियार, मेघ सिंह कंडारी, महेश चंद, वसीम खान, सहित बड़ी संख्या में हिमवंत ने बतौर मुख्यअतिथि मालरोड पर हिमवंत कवि चंद्रकुंवर बर्त्वाल की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उनको याद किया।

वहीं दोपहर बाद गांधी चौक स्थित एक होटल में गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें वक्ताओं ने प्रकृति के चितेरे हिमवंत कवि चंद्र कुंवर बर्त्वाल के रचना संसार पर विस्तार से प्रकाश डाला। इस मौके पर चंद्र कुंवर शोध संस्थान मसूरी के अध्यक्ष शूरवीर भंडारी ने कहा कि इस बार उनकी पुण्य तिथि को अमृत काव्यधारा के रूप में मना रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी कविताएं हिमालय का दर्शन है उनकी कविताओं में हिमालय का विराट सौदर्य व स्वरूप झलकता है। उन्होंने कहा कि गत तीन दशकों से कार्य कर रहे हैं जिसके तहत सम्मान समारोह, गोष्ठी, भाषण प्रतियोगिताएं आयोजित कर छात्रों के बीच जाने का प्रयास कर रहे हैं व पूर्व में प्रयास किया गया कि विद्यालयों के पाठयक्रम में इन्हें शामिल करवाया गया। उन्होंने कहा कि उन्होंने हिमालय के फलोरा और फोना, यहां के झरने प्राकृतिक सौदर्य, पर कविताएं लिखी हैं। उन्होंने हिमालय को करीब से देखा व उसी पर लिखा व मात्र 28वर्ष की उम्र में सात से आठ सौ कविताएं लिखी। वह मसूरी व देहरादून मे रहे उस पर भी कविताएं लिखी। उन्होंने हिमालय के अलावा जहां भी रहे वहां के उपर कविताएं लिखी वहीं उन्होंने सम सामयिक विषयों पर भी कविताएं लिखी। इस मौके पर बतौर मुख्यअतिथि अनुज गुप्ता ने कहा कि चंद्र कुवर बर्त्वाल उत्तराखंड के महान कवि रहे हैं जिन्होंने अल्पायु में साहित्य का इतना बड़ा कार्य किया जिसे आज कल्पना माना जाय तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड शोध संस्थान को पूरा सहयोग किया जायेगा व जो कार्य बोला जायेगा उसे पूरा करने पका प्रयास किया जायेगा। कार्यक्रम को उत्तराखंड प्रेस क्लब अध्यक्ष जितेंद्र अंथवाल, उत्तराखंड पत्रकार यूनियन के अध्यक्ष भूपेंद्र कंडारी, हिमालयन साहसिक संस्थान के अध्यक्ष एसपी चमोली, कमल शर्मा, उपेंद्र लेखवार, राम कुमार गोयल, नरेंद्र पडियार, दिनेश बडोनी, प्रदीप द्विवेदी, अनिल चौधरी, भगवान सिंह चौहान, पंकज अग्रवाल सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।

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