नौगांव – क्रेशर को लेकर धरना।
1 min read
-अरविन्द थपलियाल
उत्तरकाशी : विकासखडं नौगांव कार्यालय व सामुदायिक जच्चा बच्चा केंद्र के सामने चल रहे क्रेशर प्लान्ट को लेकर लोगों के स्वर मुखर हो गये है। यमुनाघाटी घाटी के भाजपा सत्तारूढ़ दल के लोगों को अपनी सरकार की खिलाफत मजबूरन आंदोलन करना पड़ रहा है। सोमवार से तसहील बडकोट मे धरना शुरू कर दिया है।
इसे पूर्व भी भाजपा शिष्टमंडल ने जिलाधिकारी से मुलाकात कर क्रेशर को हटाने के लिए ज्ञापन से सौंपा था लेकिन कोई कार्रवाई ना होने से सोमवार को पुन: उक्त शिष्टमंडल ने जिला उप जिलाधिकारी बड़कोट के माध्यम से जिलाधिकारी को ज्ञापन प्रेषित कर धरने पर बैठ गया। प्रेषित ज्ञापन में कहा गया है कि यदि 5 अक्टूबर 2020 तक उक्त क्रेसर नहीं हटाया गया है तो क्रमिक अनशन शुरू किया जाएगा।
मामले को गंभीरता से लेते हुये डीएम मयूर दीक्षित ने बताया कि मामला मेरे संज्ञान मे नहीं है, मे उपजिलाधिकारी बड़कोट से जांच आख्या मंगा रहा हूं उसके बाद कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी हैं।
प्रेषित ज्ञापन में कहा गया है कि क्रशर प्लांट नौगांव- राजगढ़ी मोटर मार्ग पर यमुना नदी के तट पर लगा हुआ है जो कि मानकों के विपरीत चल रहा है क्रेशर के 0 पॉइंट पर ग्राम सभा के निजी कृषि भूमि लगी है। जिससे धूल, दस्त के कारण ग्रामीणों की कृषि भूमि है विजिट इन चारबाग से तीन चार बरस से उपज में भारी कमी आ रही है उन्होंने कहा है कि एक और सरकार 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने के लिए प्रयास कर रही है तो दूसरी ओर ग्रामसभा कोठियाल बाहों में क्रशर से काश्तकारों की कृषि भूमि को तबाह किया जा रहा है जिससे कि काश्तकारों की कृषि उपज में भारी गिरावट आ रही है। कृषि नुकसान के साथ साथ क्रेशर प्लांट से गंदे पदार्थों धोनी प्रदूषण यमुना नदी प्रदूषित हो रही है । ज्ञापन में कहा गया है प्लांट से महज100 मीटर यमुना नदी के समीप है। यहां एकमात्र जच्चा-बच्चा स्वास्थ्य केंद्र नौगांव में धूल एवं ध्वनि प्रदूषण से प्रभावित हो रहा है। जिलाधिकारी को प्रेषित ज्ञापन में चेतावनी दी गई है कि यदि क्रशर प्लांट जल्द बंद नहीं करवाया जाता है तो यहां एक जन आंदोलन के रूप ले सकता है।
धरने पर पूर्व प्रमुख सुलोचना गौड, मंडल अध्यक्ष विजय बंधानी, विपिन,शांति देवी, जगदीश बिजल्वान ,विशेश्वर प्रसाद ,शामिल थे।
गजब : बिना पट्टे का गुर्रा रहा स्टोन क्रशर – नौगांव ब्लॉक के कोटिया गांव ग्रामीणों ने बताया कि यमुना तट जट्टा नामा तोक में दो – तीन साल से स्टोन क्रशर बिना पट्टे के संचालित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि क्रशर मालिक यमुना नदी के किनारों पर रातों-रात अवैध खनन कर अपना धंधा चला रहा है। इस पर राजस्व विभाग की ओर से भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। आरोप है कि स्टोन क्रशर मालिक ने क्रशर स्थल से यमुना नदी तक अवैध रूप से उत्तराखंड राज्य की भूमि पर कब्जा करते हुए भारी वाहनों के लिए रोड बनाई गई है। इसके लिए राजस्व विभाग, वन विभाग और पर्यावरण विभाग से कोई एनओसी भी नहीं ली गई है। जबकि सामान्यतः पेयजल, सिंचाई, नहर और रोड बनाने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना आवश्यक है।
