मनरेगा में गड़बड़झाला, नौगांव मनरेगाकर्मी हजम कर गये गौशाला।
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अरविन्द थपलियाल
उत्तरकाशी : प्रदेश में एक तरफ तो बेरोजगारी को दूर करने की बात होती है और दूसरी ओर रोजगार सरकारी महकमा ठिकाने लगाने की जुगत में जुटा है मामला जनपद उत्तरकाशी के प्रखडं नौगांव में ग्राम पंचायत दारसौं का है जहां शिवप्रसाद पुत्र लाखी की गौ शाला का सर्वे तकनीकी तौर वर्ष 2019और 20में हुआ उसके बाद पंचायत ने 2020में गौ शाला का निर्माण कार्य के लिये निर्माण सामग्री दी।
अब जब गौ शाला के लिये निर्माण सामग्री दी गयी तो इसका भुगतान खाते में आजाना चाहिये था लेकिन यहा ऐसा नहीं हुआ यहां सामग्री के अलावा अन्य कुछ भी नहीं दिया गया और नहीं मनरेगा के तहत मिलने वाली राशी शिव प्रसाद पुत्र लाखीराम के खाते में आई तो इसे गड़बड़झाला कहना एक तरिके से गलत नहीं होगा। अब शिव प्रसाद पुत्र लाखीराम ने बताया कि उन्हे अब पिछले एक वर्ष से रोजगार भी नहीं दिया गया वह इसलिये कि उनके नाम पर गौ शाला है। इस गौ शाला की लागत 35हजार के आसपास है और यह लाभार्थी के खाते में आने थे लेकिन यहां तो सब उल्टा ही चल रहा है, मनरेगा का मतलब है रोजगार यहां तो रोजगार बजाय रोजगार छीना गया। मामले पर मनरेगा से संबधित कर्मचारि तारीख पर तारीख दे रहे हैं और समाधान कुछ नहीं। अब लाभार्थी यानी मनरेगा मजदूर शिवप्रसाद उनियाल ने मनरेगा कर्मचारियों पर गबन का आरोप लगाया है आरोप यह है कि जब मजदूर के खाते में मजदूरी नहीं आई तो आखिर उनके गौ शाला का पैसा कहां गया। हमने संबधित मनरेगा ग्राम विकास अधिकारी से भी बात की लेकिन वहां अधिकारी ने खाते और नाम में सुधार की बात कहकर बात को टाल दिया। मनरेगा में हो रही अपारदर्शिता तो एक सवाल जरूर खड़ा करती है कि संबधित विभाग और कर्मचारी गंभीर नहीं हैं जिससे कि लगातार ऐसी लापरवाहीयां सामने आ रही है। अब शिवप्रसाद उनियाल ने विभाग से अपने गौ शाला की कुल लागत की मांग की है। और चेतावनी दी है कि यदि उनकी मजदूरी नहीं दी जाती तो वह खंड विकास अधिकारी कार्यलय नौगांव में धरने पर बैठ जायेंगें।
