पहाड़ की खूबसूरत बुग्याल को यदि आपने नहीं देखा तो कुछ नहीं देखा।
1 min read
अरविन्द थपलियाल
उत्तरकाशी : उत्तराखंड राज्य पहाडी़ राज्य है और पहाड़ी राज्य होने के नाते यहां की खूबसूरती भी लाजमीय है। उत्तराखंड के उत्तरकाशी में हरकीदून, दयारा बुग्याल, सरूताल, जैसे खूबसूरत स्थान हैं जहां लाखों पर्यटक प्रत्येक साल घुमने आतें हैं, ऐसा ही उत्तरकाशी जनपद के प्रखडं नौगांव में एक ऐसी जगह है जहां अभी कोई पर्यटक गया हो वह इसलिये नहीं कि उसकी सत्य जानकारी पर्यटकों को नहीं है हांलाकि यह जगह मोटर मार्ग से काफी दूर है।
आपने बाबा बौख नाग टीब्बा का नाम सुना होगा जो मोटर मार्ग से लगभग 7से8कीमी दूर है। आपको यदि जाना हों तो आप जब देहरादून से यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर आतें हैं तो डामटा से आगे महज 10या12कीमी बर्नीगाड़ पड़ता है तो यहां एक पुल है आपको सीधे पुल पर ना जाकर ऊपर धारी कफनौल मोटर मार्ग पर जाना है जहां आपको सीधे जाना है आपको 15कीमी आगे एक छोटा कस्बा धारी बाजार मिलेगा तो आपको इसी रूट पर सीधा जाना है तो आपको आगे हिमरोल टाप मिलेगा उससे आगे कफनौल के बाद आप मोराल्टू अपनी कार या गाड़ी से उतरतें हैं लगभग यह सफर 30कीमी के आसपास का है, और यदि आप गंगोत्री राष्टीय राजमार्ग से आतें हैं तो आपको धरासू से बड़कोट वाले रूट पर आना है यानी यमुनोत्री की तरफ सीधे आगे राडी़ टाप मिलेगा तो राडी़ आपको अंदर की ओर आना है कफनोल वाले रूट पर और मोराल्टू उतरना है। अब आप आगे की यात्रा जब करोगें तो आपको 8कीमी पर बौख टीब्बा पंहुचोगे और वहां एक सुंदर मंदिर के दर्शन होंगें, बौख टाप से जब नीचे उतरोगे तो वहां बौख नाग मेला स्थल है जो पौराणिक है इस स्थल का नाम (धुभकुडं) धातीर है, जहां सुदंर मखमली बुग्याल है और बांज मोरू बुरांश खर्सु अंयार, मोरेडां के सुदंर छायादार पेड़ हैं और मैदान लगभग 2कीमी लम्बा है और आधा कीमी चौडा़ आपका मन मोह लेगा यह हरी बुग्याल वाला मैदान। अब आपको धुभकुडं से एक रास्ता मिलेगा जो रूपनेवल की तरफ जायेगा हांलाकि रूपनेवल को लोग अलग अलग नामों से जानतें हैं यहां जाने के दो रास्ते हैं एक वन विभाग के गैर बंगले से सीधा है और दुसरा बौख टाप से जाना होता है। अब जब आप रूपनेवल पंहुचेगे तो आप कहेंगे की यह खूबसूरत जगह स्वर्ग से भी बढकर है, यहां अनेकों मैदान हैं जिकनका फैलाव कीमी में तय होता है और उत्तरकाशी जिले के चारों कोने नजर आतें हैं। यहां की बुग्याल मन मोह लेती है यहां अभीतक स्थानिय युवा ही घुमने जातें हैं इस कोरोना काल में दर्जनों युवाओं के समूह यहां की वादीयों के आनदं फरमाने गये यह जगह कफनौल गांव के निवासीयों का पशु चुगांन है और यहां की जो खूबसूरती है वह उन पर्यटक स्थानों की नहीं है जहां सरकारें लाखों रूपये हर साल खर्च करती है। बतादें कि यहां विभिन्न प्रजाति के छायादार पेड़ हैं जिनकी छाया सुकुन देती है खर्सु, मोरू ,बांज, बुरांस, मोरेडां, केदारपात्री यहां का मुख्य पर्यावरण है, यहां जाकर ऐसे लगता है कि हम वास्तविक उतराखडं के पहाड़ में हैं, रूपनेवल के आसपास कुछ और सुदंर जगह हैं जैसे मोरसाला, नैलासू, चंद्रोगी, लिंगडा़खवला, आपको इन सभी जगहों पर एक से बढकर एक सुदंर बग्यालों को देखने का अवसर मिलेगा रूपनेवल सौड़ पहाड़ की धड़कनो और धयारा की बुग्यालों की बराबरी करता है।
आप यदि जांये तो अपनी व्यवस्था सुनिश्चित करके जांये और जरूर जांये।
промокод на подключение продамуса http://www.promokod-pro.ru/ .
Эта публикация завернет вас в вихрь увлекательного контента, сбрасывая стереотипы и открывая двери к новым идеям. Каждый абзац станет для вас открытием, полным ярких примеров и впечатляющих достижений. Подготовьтесь быть вовлеченными и удивленными каждый раз, когда продолжите читать.
Углубиться в тему – https://mednarkoforum.ru/