HRIDA_greenliving और “पहल” की कोरोना संक्रमित लोगों के लिए एक पहल।
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मसूरी : पर्यटन नगरी मसूरी में लगातार कोरोना संक्रमण के बढने से जहां लोगों में भय का वातावरण बन रहा है वहीं कुछ सामाजिक संस्थाएं मदद के लिए आगे आ रही हैं इसमें एक संस्था HRIDA_greenliving व मसूरी ट्रेडर्स एंड वेलफेयर एसोसिएशन के साथ शहर लोग हैं जो कोरोना संक्रमण से पीड़ितों की मदद के लिए आगे आये हैं।

HRIDA_greenliving संस्था की ईशा गुप्ता वैश्य ने कहा की इस समय पूरा देश कोरोना संक्रमण से जूझ रहा है। तो संस्था को लगा कि ऐसे में किस तरह लोगों की मदद की जा सकती है। तब देखा गया कि जो लोग कोरोना संक्रमण से पीड़ित है उन्हें घर में क्वारंटाइन में रहना होता है और उनके खाने पीने के बर्तन भी हर रोज बदलने पड़ते हैं जिसके लिए लोग प्लास्टिक का प्रयोग कर रहे है। क्योंकि संक्रमित व्यक्ति के बर्तन में खाना खाने से संक्रमा का खतरा बढ़ जाता है जिस पर लोग प्लास्टिक के बर्तन प्रयोग कर रहे है ताकि खाना खाने के बाद उन्हें फेंक दिया जाय लेकिन इससे पर्यावरण को खतरा पैदा हो सकता है क्योंकि बड़ी मात्रा में प्लास्टिक के डिस्पोजल का प्रयोग बढ़ रहा है। ऐसे में इस गंभीर समस्या से निपटने व लोगों की मदद करने के लिए संस्था ने ईको फ्रेंडली डिस्पोजल बर्तन बनाये है जिससे न तो पर्यावरण को कोई नुकसान होगा न ही कोरोना संक्रमित परिवारों को कोई संक्रमण का खतरा होगा। संस्था ने यह भी निर्णय लिया है कि ये डिस्पोजल जरूरतमंद कोरोना संक्रमित परिवारों को निःशुल्क दिए जायेंगे ताकि उनकी मदद होने के साथ ही पर्यावरण को होने वाले खतरे से भी बचाया जा सके। इन बर्तनों के निर्माण में गन्ने, सेरेका, ताड़ के पत्ते व बर्च की लकड़ी शामिल है जो टिकाउ होने के साथ ही इसको रिसाइकिल किया जा सकता है व खाद बनायी जा सकती है। इन बर्तनों में प्लेट, कटोरे, कटलरी आदि बनायी जा रही है। उन्होंने बताया कि अपने शहर को कोरोना संक्रमण से बचाने के साथ ही जहरीले कचने से बचाने के लिए संस्था यह कार्य कर रही है और जब से इसे सोशल मीडिया पर डाला है तो लोग उन्हें फोन कर ईको फ्रेंडली बर्तनों की मांग कर रहे हैं।

वहीं दूसरी ओर शहर के कुछ समाजसेवकों ने भी कोरोना संक्रमण में जनहित में कदम उठाये है व लोगों की मदद करने को आगे आये है। ऐसे उत्साही व मानव संवेदना से युक्त युवाओं ने पहल नाम से संस्था बनाकर कोविड से पीड़ितों की सेवा करना शुरू किया है। संस्था ने कोरोना संक्रमित परिवारों के लिए निःशुल्क सेवा शुरू की है जिसके तहत कोरोना पीडित जो क्वारंटाइन में है उसे दोपहर व रात्रि का भोजन निःशुल्क पहुंचाया जायेगा। अभी यह पांच मई तक के लिए किया गया है। “पहल” संस्था के सदस्य संजय अग्रवाल ने बताया कि संस्था का उददेश्य कोरोना संक्रमितों की सेवा करने के साथ ही शहर को कोरोना संक्रमण से भी बचाना है। उन्होंने कहा कि अभी संस्था ने काम शुरू ही किया है और पहले ही दिन करीब एक दर्जन लोगों ने संपर्क किया जिनकों खाना पहुंचाया जायेगा। संजय अग्रवाल ने बताया कि कोरोना संक्रमण ऐसी महामारी है जिससे बहुत लोग पीड़ित है तथा आर्थिक रूप से भी कमजोर है इसके साथ ही कई परिवार ऐसे है जिनका मुखिया संक्रमित हो गया ऐसे परिवारों को खाना देने में मदद की जा रही है वहीं कई ऐसे है जो अकेले है व कोरोना पीड़ित है उन्हें कौन खाना देगा ऐसे लोगों की संस्था मदद करेगी। उन्होंने यह भी बताया कि कई परिवार ऐसे भी है जिनके घर में एक सदस्य कोरोना से पीड़ित है और उस परिवार के लोग बाजार में आकर सामान खरीदने आते हैं ऐसे में संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाता है उसे रोकने में भी संस्था खाना पहुंचाकर शहर को कोरोना फैलने से रोकने का प्रयास करेंगी। इस संबंध में संस्था के सदस्य रजत अग्रवाल ने बताया कि संस्था कोरोना पीड़ित परिवारों की मदद के लिए बनाई गई है। ऐसे में जिस परिवार व व्यक्ति को खाना चाहिए वह प्रातः 11 बजे तक संस्था के किसी भी सदस्य को फोन करे तो उन्हें सुबह व रात का खाना दिया जायेगा। अभी यह पांच मई तक किया गया है और अगर आगे जरूरत पडी तो इसे और बड़े स्तर पर किया जायेगा। वहीं सदस्य जगजीत कुकरेजा ने बताया की क्वारंटाइन हुए लोगों के फ़ोन आ रहे हैं व उन्हें “पहल” की टीम दवार खाना पहुंचाया जा रहा है।
