दुःखद – प्रसव के दौरान एक और महिला की गयी जान।
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अरविन्द थपलियाल
उत्तरकाशी : नेताओं का झंडा कंडा बोकने वाले यदि सरकार से स्वास्थ्य सुविधाओं की मांग नहीं कर सकतें हैं तो बेकार है आज फिर से स्वास्थ्य बदहाली का एक और मामला सामने आया है जिसने राज्य की स्वास्थ्य सुविधाओं के दावों की पोल खोल दी है आज उत्तरकाशी के बड़कोट में महिला दीपमाला का प्रसव आज घर पर हुआ लेकिन महिला की हालत जब घर बिगाड़ने लगी तो परिजनों के द्वारा महिला को स्वास्थ्य केंद्र बड़कोट लाया गया जहां पर डॉक्टरों महिला को मृत घोषित कर दिया।डॉक्टरों के द्वारा बताया गया कि महिला में खून कमी थी जिस कारण प्रसव होने के बाद महिला दीपमाला की मृत्यु हो गई महिला का नाम दीपमाला और पति का नाम सुमित है बताते चलें एक वर्ष पूर्व महिला की शादी ग्राम कुमोला पुरोला में हुई थी महिला दीपमाला का मायका बड़कोट में है आजकल दीपमाला प्रसव के लिए अपने मायके में आई हुई थी लेकिन दीपमाला का प्रसव घर पर ही हुआ प्रसव होने के बाद महिला का स्वास्थ्य बिगडा तो मायके पक्ष वालों ने दीपमाला को स्वास्थ्य केंद्र बड़कोट में भर्ती करवाया जहां पर डॉक्टरों के द्वारा महिला को मृत घोषित किया गया ।
जानकारी के अनुसार यह बताया जा रहा है कि महिला में खून की कमी थी जिस कारण महिला की मृत्यु हो गई अगर समय दीपमाला को खून मिल जाता तो शायद वह बच जाती सबसे बड़ा सवाल क्या पहाड़ों में स्वास्थ्य सेवाएं काफी खराब है जिस कारण महिलाएं प्रसव के दौरान कभी अस्पतालों में तो कभी देहरादून जाते हुए रास्ते में दम तोड़ रही है कुछ रोज पूर्व यमुना घाटी में ही एक महिला ने बच्चे को रास्ते में ही जन्म दिया जिसमें बच्चे की मृत्यु हो गई लेकिन महिला बच गई वही कुछ रोज पुर यमुना घाटी में ही एक महिला ने प्रसव पीड़ा के दौरान हायर सेंटर ले जाते समय रास्ते में ही दम तोड़ दिया सवाल आज भी जनप्रतिनिधियों के लिए है की आखिर पहाड़ों में स्वास्थ्य सेवाएं इतनी खराब क्यों है कि महिलाएं प्रसव के दौरान दम तोड़ रही है आखिर कब सुधरेगी पहाड़ों की स्वास्थ्य सेवाएं
