October 28, 2025

घराट

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डीपशिवा चैटबॉट: उत्तराखंड सरकार का स्मार्ट सहायक, अब जानकारी होगी आपकी उंगलियों पर

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वीर माधो सिंह भंडारी उत्तराखंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय डीपशिवा चैटबोट बना रहा है। यह कृषि, पर्यटन और स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी देगा। राज्यपाल की प्रेरणा से यूटीयू ने राष्ट्रीय प्रतियोगिता शुरू की है। चैटबोट का उद्देश्य हिंदी समेत भारतीय भाषाओं में संवाद करना है। यह एआई आधारित प्रणाली भारत की प्रगति को दिखाएगा। सर्वश्रेष्ठ चैटबोट बनाने वालों को राज्यपाल पुरस्कार देंगे।

वीर माधो सिंह भंडारी उत्तराखंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (यूटीयू) की ओर से डीपशिवा चैटबोट तैयार किया जा रहा है। इसके माध्यम से देश की कृषि, पर्यटन और स्वास्थ्य सेवाओं की वास्तविक तस्वीर सामने आएगी। उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) के आह्वान पर की जा रही इस पहल के तहत यूटीयू ने राष्ट्रीय स्तर पर प्रतियोगिता शुरू की गई है।

पहले चरण में देशभर के इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संस्थानों के स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएचडी के छात्र-छात्राओं की 152 टीमों ने भाग लिया है। दूसरे चरण में 46 टीमें पहुंच चुकी हैं। फाइनल राउंड दिसंबर में होगा।

प्रतिभागी टीमों को कृषि, पर्यटन या स्वास्थ्य सेवा में से किसी एक क्षेत्र का चयन कर एआइ आधारित चैटबोट विकसित करना है। डीपशिवा चैटबोट का मुख्य उद्देश्य हिंदी समेत भारतीय भाषाओं में आमजन से सहज संवाद स्थापित करना है, ताकि छात्र-शोधकर्ताओं को त्वरित जानकारी उपलब्ध हो सके और तकनीकी समस्याओं का सटीक समाधान संभव हो सके।

इसके माध्यम से कृषि, स्वास्थ्य और पर्यटन से जुड़ी दैनिक जीवनोपयोगी जानकारियां आमजन को सरल भाषा में मिलेंगी। साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) और मशीन लर्निंग आधारित यह स्मार्ट संवाद प्रणाली भारत की प्रगति और संभावनाओं को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करेगी।

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने पिछले दिनों आह्वान किया था कि ओपन सोर्स और ओपन एआइ तकनीक का उपयोग कर ऐसा चैटबोट तैयार किया जाए, जो मौजूदा अंतरराष्ट्रीय चैटबोट से बेहतर साबित हो और देशहित में कार्य करे। इसी प्रेरणा से यूटीयू ने योजना बनाकर चैटबोट का प्रारूप तैयार किया।

एआइ आधारित चैटबोट साधारण चैटबोट से अलग

एआइ आधारित चैटबोट साधारण चैटबोट से बिल्कुल अलग होता है। सामान्य चैटबोट केवल तयशुदा उत्तर देता है, जबकि एआइ चैटबोट उपयोगकर्ता की भाषा, भावना और प्रश्न की परिस्थिति को समझकर तार्किक व सटीक उत्तर प्रदान करता है। यह इंसान की तरह संवाद करने और सोचने की क्षमता रखता है।

प्रथम तीन विजेताओं को मिलेगी 10 लाख की पुरस्कार राशि

अंतिम चरण की प्रतियोगिता में चयनित तीन सर्वश्रेष्ठ चैटबोट बनाने वाले छात्र-विशेषज्ञों को राज्यपाल नकद पुरस्कार से सम्मानित करेंगे। प्रथम तीन स्थान पर आने वाली टीमों को क्रमश: पांच लाख, तीन लाख और दो लाख रुपये का पुरस्कार मिलेगा।

डीपशिवा चैटबोट तैयार करने को लेकर आयोजित प्रतियोगिता के प्रथम चरण से केवल 46 टीमों को दूसरे चरण में प्रवेश मिला है। सभी टीमों के प्रोजेक्ट की समीक्षा कुलपति प्रो.ओंकार सिंह और नोडल अधिकारी ने की। नवंबर में दूसरे चरण का मूल्यांकन इंडस्ट्री और उच्च संस्थानों के विशेषज्ञों की ओर से प्रारंभ किया जाएगा। दिसंबर में विजेताओं की घोषणा राज्यपाल करेंगे।
-प्रो. अमित अग्रवाल, प्रतियोगिता के नोडल अधिकारी

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