December 22, 2025

घराट

खबर पहाड़ से-

शहर का दिल अब भी खामोश, करोड़ों खर्च करने के बावजूद नतीजा सिफर

1 min read

देहरादून के घंटाघर का नवीनीकरण होने के बावजूद घड़ियां सही समय नहीं दिखा रही हैं, जिससे स्थानीय व्यापारी नाराज हैं। व्यापारियों ने इस मुद्दे पर विरोध जताया है और विधायक से इसे ठीक कराने की मांग की है। उनका कहना है कि करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी घंटाघर की यह दशा दुखद है, क्योंकि यह शहर की पहचान है।


 देहरादून की पहचान घंटाघर सिस्टम की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहा है। करोड़ों रुपये की लागत से हाल ही में हुए घंटाघर के रिनोवेशन के बावजूद इसकी घड़ियां अब सही समय नहीं दिखा रहीं और न ही घंटे की ध्वनि सुनाई दे रही है। शहर का दिल कहे जाने वाले घंटाघर की इस दशा पर स्थानीय व्यापारियों ने रोष व्यक्त किया है।

महानगर कांग्रेस व्यापार प्रकोष्ठ के व्यापारियों ने इस स्थिति पर कड़ी नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बीते सात सितंबर को घंटाघर के नवनिर्मित रूप का लोकार्पण किया था, जिसमें महापौर सौरभ थपलियाल, विधायक खजान दास सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। उस समय घड़ियां समय भी बता रही थीं और हर घंटे बजने वाली घंटी की आवाज दूर-दूर तक सुनाई देती थी।

व्यापार प्रकोष्ठ अध्यक्ष सुनील कुमार बांगा ने कहा कि यह बेहद अफसोसजनक है कि मात्र दो माह के भीतर घड़ियां बंद हो गईं। हर पांच साल बाद घंटाघर के रिनोवेशन के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च कर दिए जाते हैं, लेकिन उसकी स्थायी देखरेख कोई नहीं करता। यदि यह परियोजना स्मार्ट सिटी के तहत है तो स्मार्ट सिटी अधिकारी तुरंत कार्रवाई करें, अन्यथा विधायक को इसे ठीक कराना चाहिए।

व्यापारियों ने कहा कि घंटाघर केवल एक इमारत नहीं, बल्कि देहरादून की शान और पहचान है। इस मौके पर सुरेश गुप्ता, मनोज कुमार, राजेश मित्तल, अरुण कोहली, राहुल कुमार, रजत कुमार, आमिर खान, सनी सोनकर, विशाल खेड़ा, सोनू मेहंदीरता, राजेंद्र सिंह घई आदि उपस्थित थे।

Spread the love

1 thought on “शहर का दिल अब भी खामोश, करोड़ों खर्च करने के बावजूद नतीजा सिफर

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *