उत्तराखंड में धूमधाम से मनाया गया दशहरा, सीएम धामी की मौजूदगी में हुआ रावण दहन, सीएम ने सनातन को लेकर कही ये बात
1 min readअसत्य पर सत्य की विजय का पर्व दशहरा दून में भव्य रूप से मनाया गया। विभिन्न क्षेत्रों में रावण के पुतले के दहन के साथ ही लोगों ने अहंकार का त्याग करने व सत्य के मार्ग पर चलने का संकल्प लिया। ऊंचे-ऊंचे पुतले को देखने के लिए लोगों की भीड़ भी उमड़ी रही। बन्नू बिरादरी दशहरा कमेटी की ओर से परेड ग्राउंड में 76वां दशहरा महोत्सव मनाया गया। ठीक 6:05 बजे लंका दहन, मेघनाथ व कुंभकरण पुतला दहन 6:17 बजे, जबकि 6:20 बजे ऐतिहासिक 131 फीट ऊंचा रावण का पुतला दहन किया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व अन्य अतिथियों ने रिमोट का बटन दबाकर रावण के पुतले का दहन किया।
पहुंचे सीएम धामी
परेड ग्राउंड में बन्नू बिरादरी दशहरा कमेटी की ओर से दशहरा महोत्सव में पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यह बातें कही। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने श्रीराम व हनुमान जी की पूजा के बाद रावण, मेघनाद व कुंभकरण के पुतलों का दहन किया। मुख्यमंत्री ने सभी को दशहरा की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि हमें समाज में जहां भी बुराई नजर आती है यह पर्व उसे दूर करने का भी संदेश देता है। अच्छा इंसान बनकर ही हम अच्छे समाज व देश के निर्माण में सहभागी बन सकते हैं।
सीएम धामी ने कहा कि युगों-युगों से भगवान राम, भगवान कृष्ण की गाथाएं हमारे सामाजिक परिवेश में प्रेरणा एवं जागृति का स्रोत रही हैं। नवरात्र के शुभ दिनों के बाद दशहरा के दिन रावण का पुतला दहन हमारी महान परंपरा का ही हिस्सा है।
सनातन संस्कृति का पुनर्जागरण हुआ
सीएम धामी ने ने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश की सनातन संस्कृति का पुनर्जागरण हुआ है। उनके कुशल नेतृत्व में देश का दुनिया में मान व सम्मान बढ़ा है। उत्तराखंड में भी भगवान राम, लक्ष्मण व माता सीता से जुड़े कई स्थान हैं।
“ड्रग फ्री देवभूमि” का लेना होगा प्रण
मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से वर्ष 2025 यानी राज्य गठन की रजत जयंती मनाने तक राज्य के लिए कुछ सकारात्मक योगदान देने, राज्य आंदोलनकारियों के सपनों का प्रदेश बनाने का संकल्प लेने का आह्वान किया। कहा कि वर्ष 2025 तक पूर्ण लक्षित “ड्रग फ्री देवभूमि ” बनाने का संकल्प भी लेना होगा।
सामाजिक मूल्यों का प्रतिबिंब है दशहरा
इस खास मौके पर सीएम धामी ने कहा कि दशहरा का यह पर्व हमारे समाज के लिए एक सीख व सामाजिक मूल्यों का प्रतिबिंब है। यह पर्व हमारे सामूहिक शक्ति को प्रदर्शित करने, सामाजिक जिम्मेदारियों के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाने व सामाजिक बुराइयों को दूर करने की दिशा में प्रयास करते रहने की परंपरा को आगे बढ़ाता है।
तकरीबन आधे घंटे तक विशेष आतिशबाजी हुई। दशहरा के उल्लास में डूबे शहरवासियों ने बैंड, ढोल नगाड़ों की थाप व राम के भजनों पर खूब नृत्य किए। इसके अलावा लक्ष्मण चौक, इंदिरा नगर, प्रेमनगर व पटेलनगर में दशहरा का भव्य आयोजन पर रावण व लंका दहन के दौरान आतिशबाजी व नृत्य हुए।
निकाली गई शोभायात्रा
बन्नू बिरादरी दशहरा कमेटी की ओर से दशहरा महोत्सव पर दोपहर को अंसारी मार्ग स्थित कालिका मंदिर से शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा में फूलों से सजी ट्राली में विराजमान विभिन्न किरदार निभाने वाले कलाकारों का जगह जगह स्वागत किया गया। मोती बाजार, पलटन बाजार, घंटाघर होते हुए एश्लेहाल चौक से परेड ग्राउंड पहुंची। रावण, कुंभकर्ण, मेघनाद के पुतले व लंका दहन के बाद शोभायात्रा ने वापस मंदिर पहुंचकर विराम लिया।